गलियों में मौत पसरी है हर मोड़ पर जाने किस घड़ी किस रूप में मिल जाए किसे गलियों में मौत पसरी है हर मोड़ पर जाने किस घड़ी किस रूप में मिल जाए किसे
गुलाबी ठंड का ख़ुमार , आँगन में पसरी धूप , अलसाई नज़र , मुंदती आँख में चुभता काज गुलाबी ठंड का ख़ुमार , आँगन में पसरी धूप , अलसाई नज़र , मुंदती आँख म...
हर किसी ना किसी के घर में परिवार का कोई इंसान गुजर जाता है, इसकी वजह कई हो सकती है, हर किसी ना किसी के घर में परिवार का कोई इंसान गुजर जाता है, इसकी वजह कई हो...
जीवन की द्रुत मंझधार में, हिलोरें लेते उफनते ज्वार में, जीवन की द्रुत मंझधार में, हिलोरें लेते उफनते ज्वार में,
फैल रहा है भ्रष्टाचार हो रहा व्यभिचार कितने रावण अभी जिंदा हैं। फैल रहा है भ्रष्टाचार हो रहा व्यभिचार कितने रावण अभी जिंदा हैं।
दिल मे जज़्बात की परछाइयों की बस्ती है, सुर्ख होठों पर मचलते हुये मौसम की तरह। एक छू दिल मे जज़्बात की परछाइयों की बस्ती है, सुर्ख होठों पर मचलते हुये मौसम की तरह...